ज्वाला देवी का यह स्थान धूमा देवी का स्थान भी माना जाता हैं ! इसकी मान्यता ५१ शक्ति पीठों में हैं ! कहा जाता हैं कि यहाँ पर भगवती सती की जिह्वा गिरी थी!
इस तीर्थ में देवी के दर्शन 'ज्योति' के रूप में किये जाते हैं! पर्वत की चट्टान से नौ विभिन्न स्थानों पर ज्योति बिना किसी ईधन के स्वतः प्रज्ज्वलित होती हैं!
इसी कारण देवी को ज्वाला देवी के नाम से पुकारा जाता हैं और यह स्थान ज्वाला माई नाम से प्रसिद्ध हैं!
ज्वाला देवी का यह स्थान हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा में स्थित हैं! पंजाब राज्य में जिला होशियारपुर गोपी पुरा डेरा नामक स्थान से लगभग २० किलोमीटर की दूरी पर ज्वाला जी का मंदिर हैं! पठानकोट से कांगड़ा होते हुए भी यात्री ज्वालामुखी पहुँच सकते हैं ! कांगड़ा से ज्वालामुखी का लगभग ३ घंटे का बस मार्ग हैं! यहाँ से हर आधे घंटे में बसें चलती हैं!
श्री ज्वालादेवी मंदिर में देवी के दर्शन नौ ज्योतियों के रूप में होते हैं! यह ज्योतियाँ कभी कम कभी अधिक के रूप में भी विद्यमान रहती हैं!
भाव इस प्रकार माना जाता हैं कि माँ दुर्गा के नव रूप में जो नव दुर्गा कहे गए हैं वो ही चौदह भुवन हैं और सृष्टि की रचना करने वाली हैं! मंदिर के द्वार के सामने चाँदी के आले में जो मुख्य ज्योति सुशोभित हैं उसको महाकाली का रूप कहा जाता हैं ! यह पूर्ण ब्रहम - ज्योति तथा भक्ति और मुक्ति को देने वाली हैं ! ज्योतियों के पवित्र नाम व् दर्शन इस प्रकार हैं
पवित्र ज्योति दर्शन
१ चाँदी के आले में सुशोभित मुख्य ज्योति का पवित्र नाम महाकाली हैं जो मुक्ति भुक्ति देने वाली हैं!
२ इसके नीचे जो ज्योति सुशोभित हैं वह महा माया 'अन्न पूर्णा ' की हैं जो माता भंडार भरने वाली हैं!
३ तीसरी ज्योति शत्रुओं का विनाश करने वाली माता चंडी की हैं !
४ समस्त व्याधियों का नाश करने वाली यह ज्योति हिंगलाज भवानी की हैं!
५ पंचम ज्योति विन्ध्य्वासिनी हैं , जो शोक से छुटकारा देती हैं!
६ छठी ज्योति महालक्ष्मी माता की हैं जो धन - धन्य देने वाली हैं ! यह कुण्ड में विराजमान हैं!
७ यह ज्योति विद्यादात्री माता शारद की हैं जो कुण्ड में सुशोभित हैं!
८ यह संतान सुख देने वाली अम्बिका माई की ज्योति हैं जो कुण्ड में दर्शन दे रही हैं !
९ यह ज्योति अंजना माता की हाँ जो यहीं कुण्ड में दर्शन दे रही हैं ! यह भक्तों को आयु व् सुख प्रदान करती हैं !
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